The News Reader 365
वो हमें क्या संभालेंगे इस भीड़ में, जिनसे अपना दुपट्टा संभालता नहीं
कैसे मन को मैं कह दूँ सुकोमल है ये, फूल को देखकर जो मचलता नहीं
जिनके दीवारों-दर हैं बने मोम के, उनके घर में न दीपक जलाया करो
प्रेम को ढाई अक्षर का कैसे कहें, प्रेम सागर से गहरा है नभ से बड़ा
प्रेम होता है दिखता नहीं है मगर, प्रेम की ही धुरी पर ये जग है खड़ा
प्रेम के इस नगर में जो अनजान हो, उसको रस्ते गलत मत बताया करो
दर्द हल्का है साँस भारी है
जिए जाने किस रस्म जारी है
आए बिछडने का कोई और तरीका ढूंढें
प्यार बढता है मेरी जां खफा रहने से
दर्द की शाम हो या सुख का सवेरा हो
सब कुछ कबूल है अगर साथ तेरा हो
जिस्म से होने वाली मोहब्बत का इजहार आसान होता है
रूह से हुई मोहब्बत समझने में जिन्दगी गुजर जाती है
तेरी कमी खलती रहती है सदा,
एक बे नाम तस्वीर की तरह.
शायरी वो लोग करते हैं जनाब
जिनकी आँखों में दर्द रोटा है
नसीहत अच्छी देती है दुनिया,
अगर दर्द किसी ग़ैर का हो।
खामोशियाँ कर देतीं बयान तो अलग बात है,
कुछ दर्द हैं जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते।
रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे,
एक दर्द जो दिल में है मरता ही नहीं है।
उससे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत भी कोई चीज़ है,
ज़िन्दगी वो थी जो उसकी महफ़िल में गुज़ार आए।
बढ़ जाती है मेरी मौत की तारीख खुद ब खुद आगे,
जब भी कोई तेरी सलामती की खबर ले आता है।
जरा चुपचाप तो बैठो कि दम आराम से निकले,
इधर हम हिचकी लेते हैं उधर तुम रोने लगते हो।
अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले,
वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे।
तू क्या समझती है खुद को पता नहीं
पर मेरी जान है तू
जिस दिन तुम वाकिफ हो जाओगे मेरे जज्बातों से
सारी दुनिया से बगावत कर लोगी
तेरे हाथों में सच्चे प्यार की लकीर होती तो मै तेरा होता💕💕💕💕
तू दूर जरूर हो गई
पर सांसों में आज भी महकती है
जिस दिन बेवफ़ाई हुई वो दिन आखिरी होगा
बरबाद समझकर नहीं छोड़ती वो
अगर
उसे मेरी सांसों की कीमत पता होती
जब तुझे दिल दिया उस दिन से तुझे ❤️ में रखा और दिल से से ही तब्बजो दी
रुखसत ऐ यार का मंज़र भी किया मंज़र था..
यारो हमने खुद को खुद से बिछड़ते हुए देखा..!!
खुद पुकारेगी जो मन्ज़िल तो ठहर जाऊँगा
वरना खुद्दार मुसाफिर हूँ गुज़र जाऊंगा..!!
शायद कोई तो कर रहा है मेरी कमी पूरी
तब ही तो मेरी याद तुम्हे अब नहीं आती
एक तरफ़ा ही सही प्यार तो प्यार है
तुम्हे नहीं है तो क्या हुआ मुझे तो बेशुमार है
कल मैंने अपने दिल से तेरा रिश्ता पूछा तो
कमबख्त बोला की उतना मैं तेरा भी नहीं हूँ
जितना उस पगली का हूँ
खुश तो वो रहते है जो जिस्मो से मोहब्बत करते है
क्यूंकि रूह से मोहब्बत करने वालो को अक्सर तडपते ही देखा
प्यार मोहब्बत का तो हमे पता नहीं
बस एक तुम्हे ऑनलाइन देख कर दिल को सुकून मिल जाता है
जिनकी हम जितनी केयर करते हैं
अक्सर वही लोग हमें नहीं समझते
हम तो सांस भी नहीं ले पाते उनके बिना
और वो कह गये जी लेना मेरे बिना
ना गम से खिलवाड़ किया ना दर्द से इंकार किया
अपने ही जिगर को जख्मी तेरी यादों से बार बार कियाD
साथ चले जायेंगे मेरे साथ मेरे सारे गिले शिकवे
सिर्फ पछतावा लेकर रह जाएगा वो
सोचने से कहाँ मिलते है तमन्नाओं के शहर...!
'चलने की जिद' भी जरुरी है मंजिलों के लिए..।।
तड़प उठा दिल दर्द से
जब सुना तू किसी और की हो जाएगी
मोहब्बत मेरी आसान नहीं है तू मेरे दिल की धड़कन है
आज भी तू दिल में रहती हैं तब प्यार बन के
अब दर्द बन के
हम कभी किसी के इसलिए नहीं हुए क्यों कि खुद को फुर्सत ही नहीं दी किसी के लिए
समय
जब निर्णय करता है
तब
गवाहों की जरूरत
नहीं होती
बात कुछ और थी तुमने कुछ और समझ ली,
जो बात समझने की थी ही नहीं,
अफ़सोस ! तुमने वो बात भी समझ ली।
कैसे मन को मैं कह दूँ सुकोमल है ये, फूल को देखकर जो मचलता नहीं
जिनके दीवारों-दर हैं बने मोम के, उनके घर में न दीपक जलाया करो
प्रेम को ढाई अक्षर का कैसे कहें, प्रेम सागर से गहरा है नभ से बड़ा
प्रेम होता है दिखता नहीं है मगर, प्रेम की ही धुरी पर ये जग है खड़ा
प्रेम के इस नगर में जो अनजान हो, उसको रस्ते गलत मत बताया करो
दर्द हल्का है साँस भारी है
जिए जाने किस रस्म जारी है
आए बिछडने का कोई और तरीका ढूंढें
प्यार बढता है मेरी जां खफा रहने से
दर्द की शाम हो या सुख का सवेरा हो
सब कुछ कबूल है अगर साथ तेरा हो
जिस्म से होने वाली मोहब्बत का इजहार आसान होता है
रूह से हुई मोहब्बत समझने में जिन्दगी गुजर जाती है
तेरी कमी खलती रहती है सदा,
एक बे नाम तस्वीर की तरह.
शायरी वो लोग करते हैं जनाब
जिनकी आँखों में दर्द रोटा है
नसीहत अच्छी देती है दुनिया,
अगर दर्द किसी ग़ैर का हो।
खामोशियाँ कर देतीं बयान तो अलग बात है,
कुछ दर्द हैं जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते।
रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे,
एक दर्द जो दिल में है मरता ही नहीं है।
उससे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत भी कोई चीज़ है,
ज़िन्दगी वो थी जो उसकी महफ़िल में गुज़ार आए।
बढ़ जाती है मेरी मौत की तारीख खुद ब खुद आगे,
जब भी कोई तेरी सलामती की खबर ले आता है।
जरा चुपचाप तो बैठो कि दम आराम से निकले,
इधर हम हिचकी लेते हैं उधर तुम रोने लगते हो।
अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले,
वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे।
तू क्या समझती है खुद को पता नहीं
पर मेरी जान है तू
जिस दिन तुम वाकिफ हो जाओगे मेरे जज्बातों से
सारी दुनिया से बगावत कर लोगी
तेरे हाथों में सच्चे प्यार की लकीर होती तो मै तेरा होता💕💕💕💕
तू दूर जरूर हो गई
पर सांसों में आज भी महकती है
जिस दिन बेवफ़ाई हुई वो दिन आखिरी होगा
बरबाद समझकर नहीं छोड़ती वो
अगर
उसे मेरी सांसों की कीमत पता होती
जब तुझे दिल दिया उस दिन से तुझे ❤️ में रखा और दिल से से ही तब्बजो दी
रुखसत ऐ यार का मंज़र भी किया मंज़र था..
यारो हमने खुद को खुद से बिछड़ते हुए देखा..!!
खुद पुकारेगी जो मन्ज़िल तो ठहर जाऊँगा
वरना खुद्दार मुसाफिर हूँ गुज़र जाऊंगा..!!
शायद कोई तो कर रहा है मेरी कमी पूरी
तब ही तो मेरी याद तुम्हे अब नहीं आती
एक तरफ़ा ही सही प्यार तो प्यार है
तुम्हे नहीं है तो क्या हुआ मुझे तो बेशुमार है
कल मैंने अपने दिल से तेरा रिश्ता पूछा तो
कमबख्त बोला की उतना मैं तेरा भी नहीं हूँ
जितना उस पगली का हूँ
खुश तो वो रहते है जो जिस्मो से मोहब्बत करते है
क्यूंकि रूह से मोहब्बत करने वालो को अक्सर तडपते ही देखा
प्यार मोहब्बत का तो हमे पता नहीं
बस एक तुम्हे ऑनलाइन देख कर दिल को सुकून मिल जाता है
जिनकी हम जितनी केयर करते हैं
अक्सर वही लोग हमें नहीं समझते
हम तो सांस भी नहीं ले पाते उनके बिना
और वो कह गये जी लेना मेरे बिना
ना गम से खिलवाड़ किया ना दर्द से इंकार किया
अपने ही जिगर को जख्मी तेरी यादों से बार बार कियाD
साथ चले जायेंगे मेरे साथ मेरे सारे गिले शिकवे
सिर्फ पछतावा लेकर रह जाएगा वो
सोचने से कहाँ मिलते है तमन्नाओं के शहर...!
'चलने की जिद' भी जरुरी है मंजिलों के लिए..।।
तड़प उठा दिल दर्द से
जब सुना तू किसी और की हो जाएगी
मोहब्बत मेरी आसान नहीं है तू मेरे दिल की धड़कन है
आज भी तू दिल में रहती हैं तब प्यार बन के
अब दर्द बन के
हम कभी किसी के इसलिए नहीं हुए क्यों कि खुद को फुर्सत ही नहीं दी किसी के लिए
समय
जब निर्णय करता है
तब
गवाहों की जरूरत
नहीं होती
बात कुछ और थी तुमने कुछ और समझ ली,
जो बात समझने की थी ही नहीं,
अफ़सोस ! तुमने वो बात भी समझ ली।