The News Reader 365
Why Airplane color is always white: आप सभी ने उड़ते हुए एरोप्लेन तो जरूर देखे ही होंगे। आप में से कई लोगों ने हवाई जहाज पर सफ़र भी जरूर किया होगा तेज गति से एक जगह से दूसरे जगह तक जाने के लिए एरोप्लेन को सबसे अच्छा साधन माना जाता है. घंटे भर में यह सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर लेता है मगर क्या आपने कभी सोचा है कि हवाई जहाज हमेशा सफेद रंग के ही क्यों होते है अगर नहीं जानते तो चलिये हम आपको बताते है हवाई जहाज के हमेशा सफ़ेद रंग ही क्यों होता है ?
सफेद रंग का कारण
अलग अलग कंपनी अपने अपने हवाई जहाज अपना लोगो ( Logo ) और नाम जरूर लगवाती है पर रंग सफ़ेद ही रखती है एरोप्लेन के रंग का सफ़ेद होने का कारण यह है कि सफेद रंग इस वजह से सूरज की रोशनी पड़ने के बावजूद प्लेन के अंदर के तापमान पर असर नहीं होता सफेद गर्मी को सबसे कम अब्जोर्ब करता है ।
सफेद रंग शांति का प्रतीक होता है अगर कभी प्लेन में कोई खरोच आ जाए या कोई गंदगी हो तो सफ़ेद रंग होने कि वजह से साफ साफ दिखाई देता है, दूसरे रंग का होने कि वजह से एरोप्लेन जल्दी गर्म हो जाता है जबकि सफेद रंग उष्मा का कुचालक होता है जिससे बाकी रंगों की अपेक्षा में सफेद रंग का एरोप्लेन कम गर्म होता है सर्दी, गर्मी, बारिश का सामना करने से कोई और रंग फीका पड़ने लगता है. लेकिन सफेद रंग में ऐसा कुछ नहीं होता है
कम खर्च
हवाई जहाज का रंग सफेद रखने से कंपनी को लाखों रुपये की बचत होती है और कई दूसरे फायदे भी मिलते हैं एक एरोप्लेन को रंगने में 50 हजार से लेकर 2 लाख डॉलर तक का खर्च आता है एरोप्लेन को बनाने के अलावा कंपनी रंगने के खर्च करने पर जोर नहीं देती है. इस वजह से भी एरोप्लेन को सफेद रंग में रंगा जाता है.
हवाई जहाज उँचाई पर उड़ाने का कारण
हवाई जहाज को हमेशा ज्यादा ऊंचाई पर ही उड़ाया जाता है इसका कारण यह है कि बड़ी बड़ी बिल्डिंग या पक्षियों से टकराने का खतरा कम होता है क्योकि ज्यादा ऊंचाई पर पक्षी भी नहीं उड़ते हैं जिससे एक्सीडेंट होने के चांस कम होते हैं। अधिक उँचाई हवाई जहाज के उड़ाने का कारण यह भी है कि अधिक उँचाई पर हवा का दबाव भी कम होता है ऊंचाई पर उड़ने से हवाई जहाज के ईंधन की भी बचत होती है.