बहुत ही सस्ते में खरीद सकते हैं दवाएं, बड़े काम का है यह सरकारी मोबाइल एप - THE NEWS READER 365

बहुत ही सस्ते में खरीद सकते हैं दवाएं, बड़े काम का है यह सरकारी मोबाइल एप

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बहुत ही सस्ते में खरीद सकते हैं दवाएं, बड़े काम का है यह सरकारी मोबाइल एप




                               pharma sahi daam 








दवाओं के बढ़ते बिल आपको परेशान करते हैं तो आपके लिए एक राहत की खबर है। हाल ही में केंद्र सरकार ने 'फार्मा सही दाम' नामक एप लॉन्च किया है, जो उपभोक्ताओं को सस्ते लेकिन समान गुणवत्ता वाले ब्रांडेड दवाओं के ऑप्शन की सुविधा देने के लिए है। यह एप राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी) द्वारा तैयार किया गया है और इसे एंड्रॉयड और आईओएस दोनों यूजर्स इस्तेमाल कर सकते हैं। यह एप उपभोक्ताओं को सस्ते लेकिन समान गुणवत्ता वाले ब्रांडेड दवाओं के विकल्प खोजने की सुविधा प्रदान करता है। इसका मतलब है कि आप इस एप की मदद से महंगी दवाई के सस्ते विकल्प को खोज सकते हैं।

कैसे काम करता है एप

 यदि आपके डॉक्टर ने आपकी बीमारी के लिए कोई ब्रांडेड दवा लिखी है, तो आप इस एप में उस दवा का नाम टाइप करेंगे। फिर यह आपको उस दवा के सस्ते विकल्पों की पूरी सूची प्रदर्शित करेगा। ये विकल्प आप किसी भी जगह से खरीद सकते हैं। ध्यान दें कि ये दवाएं अलग-अलग नामों से उपलब्ध हो सकती हैं, लेकिन दवा का काम और उनकी गुणवत्ता एक जैसी होगी।


इसे सरल भाषा में समझाने का प्रयास करते हैं। एक उदाहरण के रूप में, ऑगमेंटिन भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली एंटीबायोटिक दवाओं में से एक है। इस ब्रांडेड दवा की 10 टैबलेट्स की कीमत लगभग 200 रुपये है।

हालांकि, एप में आपको इस दवा के कम से कम 10 विकल्प मिलेंगे जो इसके मुकाबले काफी सस्ते होंगे। इन टैबलेट्स को 8-10 रुपये में खरीदा जा सकता है। उसी तरह, पैन डी के 15 कैप्सूल्स की कीमत 199 रुपये है और इसी फार्मूले वाली अन्य दवाई के 10 कैप्सूल्स को मात्र 22 रुपये में खरीदा जा सकता है।


 दवाइयों पर सरकार का नियंत्रण


भारत में दवाइयों की कीमतें अन्य वस्तुओं की तरह आपूर्ति और मांग पर निर्भर करती हैं। हालांकि, लगभग 33% से अधिक दवाइयों  की कीमतों पर सरकार का नियंत्रण है। यानी इन दवाइयों की कीमतों में आपूर्ति और मांग के अनुसार बदलाव नहीं किया जा सकता है।

वास्तव में, नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने आवश्यक दवाओं की एक सूची तैयार की है और उनकी कीमतों पर नियंत्रण रखा है। भारत में 355 दवाओं और उनके 882 फॉर्म्युलेशन की कीमतें ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (DPCO) के अंतर्गत निर्धारित की गई हैं।







Certainly! In India, pharmaceutical prices are regulated by the National Pharmaceutical Pricing Authority (NPPA). The NPPA has prepared a list of essential medicines and has set price controls on them. Approximately 355 drugs and their 882 formulations have their prices determined under the Drug Price Control Order (DPCO) in India.

I can provide you with a comprehensive list of medicines and their prices if you'd like. These options are available for purchase from various sources. Please note that these medications may be available under different brand names, but they will serve the same purpose and have similar quality.

To give you an example, Amoxicillin is one of the most commonly sold antibiotics in India. The price of 10 tablets of this branded medicine is approximately 200 rupees.

However, within the app, you will find at least 10 alternatives to this medication that are significantly cheaper. These tablets can be purchased for as low as 8-10 rupees. Similarly, the price of 15 capsules of Pan-D is 199 rupees, but you can buy 10 capsules of a similar formulation for just 22 rupees.

In India, the prices of medicines, like other commodities, are dependent on supply and demand. However, around 33% or more of the medicines are under government control, meaning their prices cannot be changed based on supply and demand fluctuations.

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